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तेली जाती का इतिहास History of Muslim Teli

Teli, Ghanchi
 आज हम जानेगें मुस्लिम तेली समाज का इतिहास क्यों कि घांची जाती भी एक प्रकार की तेली जाती है परन्तु हिन्दू तेली व मुस्लिम तेली अलग अलग जाती है इसलिये इस आलेख में मुस्लिम तेली जाती के इतिहास पर प्रकाश डाला जा रहा है। ( Ghanchi is used for both hindu teli and muslim teli)
मुस्लिम तेली समाज का इतिहास ( History of Muslim Teli or muslim ghanchi )
 मुस्लिम तेली जाती के लोग अधिंकांशत भारत और पाकिस्तान में पाये जाते हैं। इनको तेली नाम “खाद्य तेल बनाने” अपने पेशे की वजह से दिया गया है. पुराने समय में, इन लोगों को उनके छोटे तेल मिलों या घानी बैलों द्वारा संचालित करने के लिए या सरसों और तिल के बीज का तेल से खाद्य तेल निकालने के काम करने वालों के रूप में जाना जाता था। तेली जाती का पुश्तेनी काम तेल गाणी से तेल निकाल कर बेचना और रुई पिंजाई का काम करते हैं. मुस्लिम तेली को मंसूरी, तेली या तेली मलिक भी कहा जाता है! 
मुस्लिम तेली  गोत्र  ( Gotras of muslim ghanchi or muslim teli in india)
मुस्लिम तेली 53 गोत्र मैं से कुछ इस प्रकार हैं- आगवान , आनन् ,. बर्गुजर बगदरी , बज्य , बर्रा , बर्जातिया , बेलिम ,बंथिया , भाटी, भिन्द्सरा , चादोदिया , चांगल , चंदिजा , चंद्रेड चैहान, दहिया,दैय्मा , देव्बंदिया , डुंगा, फानन गहलोत, गोरद , गौरी, जाजम , जातु , जिद्रान, खत्री जोया,कायत , खिलची , खिंची , खोखर , कुचावा ,, लग्गा, मल्नस, मस्त , मोहल, मुगल ,मूंगा, निर्बान, ओसवाल पंवार, राठौर सहाद , शाख्ला , सिगार्ड , सोलंकी, सुल्दा , तंवर, उन्हें,तिगाला , मुस्लिम तेली (मलिक) एक जातीय समूह रहे हैं
Means of Teli Word:-
शब्द तेल का मतलब है (खाना पकाने के तेल) और तेली व्यक्ति उर्दू में खाना पकाने के तेल के निर्माण औरबिक्री के साथ काम कर मतलब है. मुस्लिम तेली घांची , गुजरात में पाया समुदाय, जो भी खाना पकाने के तेल के निर्माण में शामिल हैं.
हिंदुओं से इस समुदाय के सदस्यों इस्लाम जाति तेली को अपना लिया. वे उत्तर भारत और पाकिस्तानमें पाए जाते हैं. उत्तर भारत में, समुदाय भी नाम शेख मंसूरी द्वारा जाना जाता है,
जबकि पाकिस्तानमें, उन्होंने तेली मलिक के रूप में जाना जाता है. तेली भी खुद साहू वैश्य कहा जाता है. तेली भारत भर में पाए जाते हैं. हिंदू तेली तेली साहू और मुस्लिम तेली तेली मलिक कहा जाता है
दक्षिण भारत में  तेली घांची ( Teli or Ghanchi in South India)
दक्षिण भारत में तेलुगू भाषी तेली को गन्दला के रूप में कहा जाता है. इनकी आंध्र प्रदेश में काफी आबादी है. वे देवा गन्दला , सेट्टी गन्दला , सज्जना गन्दला के रूप में जाने जाते हैं.। कर्नाटक में कन्नड़ भाषी टेलिस गनिगा या गौड़ के रूप में कहा जाता है, सोमाक्षत्रिया गनिगास और कुछ लिंगायत गनिगास के (जो शिव पूजा) भी वहाँ पाए जाते हैं. तमिलनाडु में तेली वानिया चेट्टियार , गन्दला चेट्टी, गनिगा चेट्टी, चेक्कालर के कहा जाता है.चेक्कू तमिल में “तेल प्रेस” अर्थ. केरल में, एक तेली चेत्तिअर अक्सर कहा जाता है. तेली भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और नेपाल में फैले हुए हैं

ज्योतिष विचार

एक चोघडिया ढेड घण्टा रहता है, अर्थात् सवेरे के छः बजे से व रात्रि के छः तक बारह घण्टे में आठ चौघड़िये होते हैं। इनमें से अमृत , शुभ और लाभ-ये तीन चौघड़िये उतम है, उद्वेग और चल ,मध्यम है, रोग और काल अशुभ हैं। इन्हें टालना चाहिए।
ज्योतिष विचार बारह राशियों के अक्षर
  मेष     चु , चो ,चे ,ला ,ली ,लु ,ले, लौ ,अ 2.
वृषभ     इ , उ , ए ,ओ, वा ,वी, वु , वे , वो 3.
मिथुन    क , की , कु ,घ ,ड ,छ ,के ,कौ ,ह 4.
कर्क    ही , हु , हे , हो, ड, डी, डु , डे ,डो, 5.
सिंह    म , मि, मु , मे , मौ ,टा , टि , टु ,टे, 6.
कन्या  टो ,प, पि ,पु  , ण, ठ ,पे ,पो 7.
तुला    र ,रि ,रु, रू, ता ,ती ,तु ,ते 8.
 वृषिचक्र    तो , न , नी , नु ,नो, य ,यी, यु 9.
धनु    ये , यो ,भ , भि ,भू ,ध ,फ ,ढ ,भे 10.
मकर    भो ,ज ,जी, खी,खु ,खे ,खो ,ग, गी 11.
कुंभ    गु , गे ,गो ,स ,सी, सु ,से ,सो ,सौ ,द 12.
मीन    दि , दु , झ ,थ ,त्र ,दे, दो , च , ची
अभिजीत मुहुर्त
नक्षत्रो का राजा अभिजीत मुहुर्त कभी कोई मुहुर्त नहीं होवें तो अभिजीत समय में काम शुरू करें, यह हमेशां श्रेष्ठ रहता हैं। हर रोज दोपहर 11बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट तक होता है। स्थानीय समय अनुसार घटत ,बढ़त कर लेवें।
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घॉची समाज के रावों (भाटो) का इतिहास

 ये भुणे भाट (राव) हैं जो नौ न्यातों में से एक है , जिन में निम्न गौत्र है,- परिहार , परमार , चौहान आदि और ये लोग अपने विवाह षादी भुणे में ही है ,इनका बेटी व्यवहार दूसरी जाति को मांगने वाले भुणे भाटो को छोंडकर सब में होता है ,
 ये लोग अच्छी खानदान के है,  इनकी गौत्र एक है , ये पडिहार गौत्र के कहते है , जिससे मालमू होता है कि यह भी एक राजपुती खानदान है, जो कालान्तर में यह धन्धा अपना लिया हो ।
 मूल पुरुष मडोवरा परिवार: गौत्र कश्यप, प्रवर तीन-कश्यप, अपसार , व ध्रुव वेद यजुर्वेद , शाख बाज-स्नेही , सूत्र पारस्कर गृहा सूत्र, कुलदेवी चामुण्डा गाजणेश्वरी ,ईष्ट विष्णु भगवान , गुरु वसिष्ठजी हैं , इस वंश की उत्पति अग्निवंश आबू से है़, 1.
1राव शंकरलाल:- यह राव नारायणलाल के पुत्र है, यह मेवाड बोराट का परगना की यजमानी करते है , 9141220817 , 02952-274430
 2. राव शंभुलाल:- यह राव नारायण लाल के पुत्र है। यह मदारिया बोराट का परगना की यजमानी करते 02952-274430
 3. राव रमेशचंन्द्र:- यह राव नारायण लाल के पुत्र है। उदयपुर बौराट का परगना में यजमानी करते है। 9829094237 
4. मोदी घेरवा के रावजी मांगीलालजी निःसंतान होने से धर्मपुत्र गोद रखने बाबत उनकी धर्मपत्नी श्रीमति कमलादेवी द्वारा राव समाज एवं मोदी घेरवा समाज तेनी (कचेरी) समाज की संयुक्त मिटींग दिनांक:- 01.07.06 को ग्राम मोती में रखी गई। जिसमें सर्वसम्मति विनोद राव छगनजी के पुत्र है, ये गोगुन्द परगना,डुंगरपुर, बासवाड़ा व झालावाड़, मेवाड़ बारपाल में यजमानी करता है। 5.
5 राव सोहनलाल राव रुपा:- का पुत्र है, ये प्रकाशपुरा का परगना, देलवाड़ा उदयपुर का परगना, कुछ भाग झालावाड मेवाड की भी यजमानी करते है। 
6 राव अचला:- राव शिवनारायण के पुत्र है , वे कोसेलाव, जोधपुर खास , मध्यप्रदेश , इन्दौर , उज्जैन आदि में यजमानी करते है। 7.
7 राव जगदीश पुत्र राव रुपा:- के पुत्र है, ये खास जोधपुर और मध्यप्रदेश में यजमानी करते है। 8.
8 राव भूरा व प्रताप:- ये राव राधाकिशन के पुत्र है, ये खिवान्दी का परगना ,सिरोही में ,आबू के पश्चिम में, मण्डार का कुछ परगना में, कुछ मध्यप्रदेश में यजमानी करते है।
 9. राव मांगीलाल व विजयराज:- ये देवकरण के पुत्र है , ये दुदापुरा वर्तमान के घाणेराव के परगने का कुछ भाग व सोजत के कुछ गांव व मालवा में यजमानी करते है। 10.
10 राव मांगीलाल व मदनलाल:- ये राव खीम के पुत्र है, ये वर्तमान सादड़ी के पुराने, भीनमाल व पालपुरा , डीसा , अहमदाबाद ,भडौच व बम्बई तक के परगनों में यजमानी करते है।
 11. राव फकीर:- यह राव हंसा के पुत्र है , ये वर्तमान सादड़ी के परगने , भीनमाल ,परलनपुर ,डीसा , अहमदाबाद , भडौच व बम्बई तक के परगनों में यजमानी करते है। 12.
12 लक्ष्मण,टीकुमल,मुरलीधर:- ये राव धुला के पुत्र है, ये सोजत का परगना, नागौर का परगना ,स्टेशन रानावास , अजमेर, खारी बिलपुर व मालवा में भी यजमानी करते है। 13.
13 राव,प्रभु,गणेश अर्जुन:- ये रावदेवीचन्द के पुत्र है, ये बुसी का परगना में यजमानी करते हैं। 14. राव खीमराज,मगनलाल,”शिवलाल:- ये राव हरजी के पुत्र है, ये शिवगंज , सुमेरपुर व शिवगंज का परगना , मोर ,मगरा , झोरा , मगरा की पट्टी व रामसिंह ,जालौर का परगना , सियाणा , बागरा , में यजमानी करते हैं। 15. 14राव बाबुलाल व पुखराज:- ये राव हीरालाल के पुत्र है , ये शिवगंज छावणी , झोरा मगरा, रामसिंह व काबा की पट्टी जालौर का परगना, सियाणा,बागरा,में यजमानी करते हैं। 16.
15 राव शिवलाल व वृजलाल:- ये राव हरलाल के पुत्र है ,ये गुन्दोज व उसका पूरा परगना, कुछ पाली का परगना, गोडवाड़ के कुछ गांवों में यजमानी करते है। 17.
16 राव सवा:- ये राव नंदा के गोद में आये ये बाता परगनाव डुंगरपुर व मध्य भारत में यजमानी करते है। 18. 17 राव प्रताप:- ये राव पुना के पुत्र है, ये बांता व नाडोल का परगना, जालौर का कुछ भाग , कुछ मध्य भारत में यजमानी करते है।
18 19. राव रणछोड़,भीका व ताराचन्द्र:- ये नाडोल का परगना,जालौर का कुछ भाग ,कुछ मध्य भारत में यजमानी करते है। 20.
19 राव मांगीलाल,लक्ष्मण,गोरधन व नरींग:- ये राव सतीदान के लड़के है, ये पाली के परगने में यजमानी करते है। 21.
20राव मांगीलाल,नारायण व मांगीलाल:- ये राव वीरचन्द के पुत्र है, ये चाणेद का परगना, सिरोही जिले में रूहाई व भितरोड़ का परगना जो आबू के पूर्व में है , कुछ गोडवाड में बाली आदि में यजमानी करते है। 22.
21 राव पुखराज व किस्तुर:- ये राव गंगाराम के पुत्र है, ये चाणेदा का परगना सिरोही जिले में रूहाई व भितरोड़ का परगना जो आबू के पूर्व में है , कुछ गोडवाड में बाली आदि में यजमानी करते है। 23.
22 राव फुसाराम व जुहारमल:- ये राव जवान के पुत्र है , यह चाणेदा का परगना सिरोही जिले में रूहाई व भितरोड़ का परगना जो आबू के पूर्व में है , कुछ गोडवाड में बाली आदि में यजमानी करते है। 24.
23राव पुखराज व चम्पालाल:- ये राव किस्तुरजी के पुत्र है,ये खैरवा ,परगना , आऊंवा का परगना व कुछ मध्य भारत में यजमानी करते है ,
 24. राव पुखराज व चम्पालाल:- ये वर्तमान रतलाम (मध्य प्रदेश),रतलाम परगने व मध्य भारत में यजमानी करते है ,
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घांची जाति की सामान्य जानकारी

गुजरात में घांची जाति के लोग हिन्दू घांची व मुस्लिम घांची दो समुदायों के है व अब हिन्दु घांची गुजरात में मोदी व आबू के आसपास लाठेचा क्षत्रिय के नाम से जाने जाते हैं
 घांची समाज के लोग जोधपुर में गोपालक के नाम से भी कहलाते है।
 मालवे में राठ़ौड जाति के तेली घॉची नहीं है ऐसा मानते हैं। 
लाठेचा क्षत्रीय नाम लाठी उठाने के कारण पड़ा और बहुत दिनों तक यह नाम  चलता रहा।
 इस तरह घाणेरा घॉची नाम घॉणी चलाने से, कचौलिया तेली कच्चे तेल के कारण और गौपालक घॉची गाय आदि पशुपालने से कहलाया।
 गुजरात में मोदी नाम से प्रचलित है। परन्तु वास्तव में राजपुत क्षत्रियों की नौ गौत्रों में इनकी शाखाए है। और ये राजपूतो से निकली हुई गौत्र है जो घॉची के नाम से पहचाने जाते है। 1.
 घॉची शब्द गुजराती भाषा का है, जबकि तेली शब्द उत्तरी भारत का हिन्दी भाषा का है।
  लाठेचा क्षत्रिय घॉची गुजरात पाटण से आए हैं। जिनकी राजपूतों में से आठ नव गौत्र है। जैसे-भाटी , सोंलकी , परमार, देवड़ा-चौहान , राठौड़ , गहलोत , परिहार , परिहारिया, बोराणा आदि।
  क्षत्रिय घॉची समाज में मघ (दारु) मांस का परहेज है। 4. क्षत्रिय घॉची जाति में औरतो की नाक में सोने की बाली पहहने का जाति रिवाज है। 5. क्षत्रिय घॉची कचेलिया कहलाते है। यानी कच्चे बाद में बनें। 6. सनातन धर्मों के आचार्यो ने क्षत्रिय घॉचीयों को उच्ची जाति का माना है। और इनके हाथ का भोजन स्वीकार किया है। 7 क्षत्रिय घॉची जाति के महाराजा कुमारपाल सोंलकी वंश के तथा वेलाजी भाटी विशेष माहापुरूष थे। 8.
 यह कार्य घॉणी चलाना राज्य का धर्म कार्य होने से उस समय के गुजरात के व्यापारियों आदि ने भी इस कार्य में मदद की थी। वह ब्रहापुरिया मोर घॉची कहलाये उनके राव न होने से गांव के नाम से उनकी गौत्रे है, जैसे- सिद्धपुरिया , खम्भाति , सुरती , पटनी , चम्पानेरी मोर आदि अब मोदी घॉची भी कहते है।
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भंवरलाल घांची झाड़ौली मो.न. 09460832929

  श्री क्षत्रिय घांची समाज रोही परगना सिरोही की वेबसाईट पर सभी समाज बंधुओं का भवंरलाल घांची स्टाम्प विक्रेता एंव आदर्श क्रेडीट बैंक अभिकर्ता द्वारा हार्दिक अभिनंदन समाज की यह वेबसाईट हमारे समाज की उपयोगी जानकारियों से परिपूर्ण है तथा साथ ही आप सभी पिण्डवाडा झाडौली सिरोही अहमदाबाद सूरत बाम्बे काम करने वाले घांची समाज के बन्धु लोग अपने व्यापार का विज्ञापन समाज की वेबसाईट पर करने अपनी खुद की वेबसाईट बनवाने या बीमा करवाने पिण्डवाडा में प्रोप्रटी क्रय करने आर्दश बैंक में ज्यादा ब्याज दरों पर निवेश करने के लिये भंवरलाल घांची झाड़ौली से मो.न. 09460832929 पर सम्पर्क करें। 
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